story 1 कौवा अपनी गलती से कैसे मरा

story 1 कौवा अपनी गलती से कैसे मरा

चाँदनगर के पास कई साल पहले एक जंगल था। उस जंगल में एक बड़ा बरगद का पेड़ था, जिस पर एक दोनों अपने-अपने घोंसलों में रहते थे। एक रात जंगल में तेज आंधी चलने लगी, और बाद में बारिश शुरू हो गई। कुछ ही समय में, जंगल के सभी पेड़-पौधे और जानवर बर्बाद हो गए।कौवा अपनी गलती से कैसे मारा story 1

अगले दिन, कौवे और कोयल को भूख मिटाने के लिए कुछ नहीं मिला। उस समय, कोयल ने कौवे से कहा, “हम इस जंगल में इतने प्यार से रहते हैं, लेकिन अब हमारे पास कोई खाने का सामान नहीं है। तो क्यों न जब मैं अंडा दूँ, तो तुम उसे खाओगे और जब तुम अंडा दोगे, तो मैं उसे खाऊंगी?”

कौवे ने सहमति जताई। कोयल ने पहले अंडा दिया और कौवे ने उसे खाया। फिर कोयल ने अंडा दिया। कौवे ने जैसे ही अंडा खाना शुरू किया, कोयल ने उसे रोक दिया। story 

कोयल ने कहा, “तुम्हारी चोंच गंदी है। इसे साफ करो और फिर अंडा खाओ।”

भागकर कौवा नदी के किनारे पहुँचा। उसने नदी से कहा, “तुम मुझे पानी दो। मैं अपनी चोंच धोकर कोयल का अंडा खाऊँगा।”

नदी बोली, “ठीक है! पानी के लिए तुम एक बर्तन लेकर आओ।”

कौवा जल्दी से कुम्हार के पास पहुँचा। उसने कुम्हार से कहा, “मुझे एक घड़ा दे दो। उसमें मैं पानी भर कर अपनी चोंच धोऊंगा और फिर कोयल का अंडा खाऊंगा।”

कुम्हार ने कहा, “तुम मुझे मिट्टी लाओ, मैं तुम्हें बर्तन बनाऊंगा।”

कौवा ने तत्काल माँ धरती से मिट्टी मांगी। उसने कहा, “माँ, मुझे मिट्टी दो। मैं उससे बर्तन बनवाऊंगा और उसमें पानी भरकर अपनी चोंच साफ करूंगा। फिर अपनी भूख मिटाने के लिए कोयल का अंडा खाऊंगा।”

धरती माँ ने कहा, “मैं तुम्हें मिट्टी दूंगी, पर तुम्हें खुरपी लानी होगी। उसी से तुम्हें मिट्टी निकालनी होगी।”

कौवा दौड़ते हुए लोहार के पास पहुँचा। उसने लोहार से कहा, “मुझे खुरपी दे दो। मैं उससे मिट्टी निकालकर कुम्हार को दूंगा और बर्तन लूंगा। फिर उस बर्तन में पानी भरूंगा और अपनी चोंच को साफ करके कोयल का अंडा खाऊंगा।”

लोहार ने गर्म-गर्म खुरपी कौवे को दे दी। जैसे ही कौवा ने उसे पकड़ा, उसकी चोंच जल गई और कौवा तड़पते हुए मर गया।

कोयल ने चालाकी से अपने अंडे को बचा लिया।

“कौवे और कोयल” की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों पर अधिक विश्वास न करें, बल्कि स्वयं के विचार करने की आवश्यकता होती है। कौवे ने अपनी चालाकी की बजाय कोयल की बातों पर भरोसा किया, जिससे उसे नुकसान हुआ। इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों की सलाहों को सुनना तो चाहिए, लेकिन स्वयं भी विचार करना चाहिए और सही निर्णय लेना चाहिए। अंत में, असलीता हमेशा सामने आती है और धोखा करने वाला ही नुकसान उठाता है।

Related Posts

खजूर खाने के फायदे Khajur Khane ke Fayde

आयुर्वेद के अनुसार खजूर के गुण   आयुर्वेद में खजूर को एक अत्यंत लाभकारी और पौष्टिक फल माना गया है। खजूर में मिठास, पोषण, बल बढ़ाने वाले, थकान मिटाने वाले,…

सर्दी के मौसम में कौन सा बिजनेस करें

सर्दी के मौसम में कौन सा बिजनेस करें   आज की इस पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सर्दियों के मौसम में कौन सा बिजनेस शुरू करके…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

Aayi Nai -Stree 2 New Song 2024

Aayi Nai -Stree 2 New Song 2024

रतन टाटा के बाद अब कौन संभालेगा टाटा ग्रुप

रतन टाटा के बाद अब कौन संभालेगा टाटा ग्रुप

ratan tata news

ratan tata news

onam bumper 2024 result date kerala lottery

onam bumper 2024 result date  kerala lottery

Arsenal Premier League player ratings

Arsenal Premier League player ratings

Rhea Singha’s Miss Universe India 2024

Rhea Singha’s Miss Universe India 2024