mohanlal biography मोहनलाल की जीवनी
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मोहनलाल, जिन्हे अक्सर लौकिका रूप से लालेतन के नाम से जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित और प्रतिष्ठित दक्षिण भारतीय अभिनय हैं, जो भाषा फिल्मों में काम करते हैं। उनका जन्म 21 मई 1960 को एलेन्थूर, केरल, भारत में हुआ था। मोहनलाल ने अपने करियर में एक विशेष स्थान प्राप्त किया है और उन्हें मलयालम सिनेमा का एक निर्देशित चेहरा मन जाता है। यहां कुछ मुख्य घाटनाएं हैं मोहनलाल के जीवन की
करियर का आरंभ
मोहनलाल का अभिनय करियर 1978 में मलयालम फिल्म में शुरू हुआ। उनकी पहली मलयालम फिल्म “थिरानोत्तम” थी, लेकिन उनका असली प्रदर्शन “मंजिल विरिंजा पुक्कल” (1980) में था, जिसमें उन्हें एक नकारात्मक भूमिका निभाई
प्रसिद्धि और सफलता
मोहनलाल को 1980 और 1990 के दशक में मलयालम सिनेमा में महान सफलता मिलती रही। उनकी प्रसिद्धि कई हिट फिल्मों जैसे “भारतम” (1991), “किरीदम” (1989), “वानप्रस्थम” (1999), और “देवासुरम” (1993) से मिली।
समरागी का राज
मोहनलाल को मलयालम सिनेमा के साम्रागियों में से एक माना जाता है। उनके व्यक्तित्व, अभिनय कला, और प्रशिक्षण रेंज की वजह से उन्हें देश भर में प्रश्न और सम्मान मिला।
निर्देशन और समर्थन
मोहनलाल ने फिल्मों के अलावा निर्देशन में भी अपना योगदान दिया है। उन्होंने कुछ मलयालम फिल्मों को निर्देश दिया है और वे अपने प्रोडक्शन हाउस “प्रणवम आर्ट्स” के मध्यम से भी कई फिल्मों का समर्थन करते हैं।
सामाजिक कार्यक्रम
मोहनलाल एक सामाजिक उद्यमी भी हैं और वे अनेक सामाजिक और कल्याण कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं। उन्हें ‘विश्वशांति फाउंडेशन’ के अंतरगत कई सामाजिक कार्यक्रमों का भी समर्थन दिया है। मोहनलाल के करियर में काई पुरस्कार और सम्मान शामिल हैं, और उनका योगदान मलयालम सिनेमा में सम्मान है। उनका व्यक्तित्व, अभिनय कला, और सामाजिक योगदान उन्हें एक विशेष स्थान पर रखते हैं और उन्हें देश भर में सम्मान का अधिकार दिया गया है।