गोल्डी बराड़ कौन था goldy brar
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से लेकर सलमान खान तक को धमकी देने वाले गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की अमेरिका में 30 अप्रैल शाम 5:25 मिनट पर मौत हो गई। अमेरिकी न्यूज चैनल ने दावा किया कि बराड़ को उनके घर के बाहर कुछ बदमाशों ने गोलियों से भून दिया। लॉरेंस गैंग का यह विशेष सदस्य कौन था, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।
जयपुर: पंजाब की बठिंडा जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के राइट हैंड गोल्डी बरार की हत्या हो गई है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में मंगलवार 30 अप्रैल की शाम 5:25 बजे गोल्डी बराड़ को गोलियां से भून दिया गया। बताया जा रहा है कि गोल्डी अपने साथी के साथ एक घर के बाहर खड़ा था।
तभी कुछ बदमाशों ने दनादन गोलियां चलाई और फरार हो गए। इस फायरिंग में गोल्डी बरार और उसका साथी घायल हुए थे। अस्पताल में डॉक्टरों ने गोल्डी बरार को मृत घोषित कर दिया। एक अमेरिकी पुलिस अधिकारी के हवाले से अमेरिकी मीडिया में यह खबर प्रसारित की गई।
सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड का मास्टरमाइंड था गोल्डी। गोल्डी बरार का असली नाम सतिंदर सिंह है और वह मूल रूप से पंजाब के श्री मुक्तसर साहेब का रहने वाला है। वह वर्ष 2021 में ही कनाडा भाग गया था। मई 2022 में पंजाब के मानसा के पास पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली थी। बाद में एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में गोल्ड बरार ने कहा था कि मूसेवाला को उसने मरवाया है। उसने कहा था कि मूसेवाला की हत्या के लिए उसने पंजाब और हरियाणा से 6 शूटर भेजे थे।
केंद्र सरकार ने इसी साल 1 जनवरी 2024 को गोल्डी बराड़ को आतंकी घोषित कर दिया था। वह विदेश में रहकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था। विदेश में छिपकर ही वह एक मॉड्यूल के जरिए पंजाब सहित कई राज्यों में वारदातें करवाता था। गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में उसे आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबद्ध बताया गया। गोल्डी बराड़ फर्जी नाम पते से विदेश भागा था और फर्जी नाम से ही अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में रहता।
भाई की मौत के बाद गोल्डी बराड़ भी अपराध की दुनिया में प्रवेश किया। गोल्डी बराड़ का चचेरा भाई गुरलाल बराड़ कॉलेज में छात्र नेता था। 11 अक्टूबर 2020 को इंडस्ट्रियल एरिया फेज वन के एक क्लब के बाहर कुछ लोगों ने उसे गोलियों से भून दिया। इस फायरिंग में गुरलाल की मौत हो गई थी।
गुरलाल की मौत के बाद गोल्डी भी अपराध की दुनिया में आ गया। चचेरे भाई की हत्या करने वालों का उसने बदला भी लिया। जग्गू भगवानपुरिया और लॉरेंस बिश्नोई से हाथ मिलाकर गोल्डी ने फरीदकोट में गुरलाल सिंह पहलवान की गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्याकांड के बाद गोल्डी स्टूडेंट वीजा पर गुपचुप तरीके से कनाडा भाग गया। तब से वह वहीं रहकर भारत में रंगदारी वसूलने और गैंगवार की घटनाओं को अंजाम देता आ रहा है।
लॉरेंस बिश्नोई का राइट हैंड था गोल्डी बराड़। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुछ गुर्गे विदेशों में छिपे हैं। उनमें सबसे एक्टिव गुर्गा गोल्डी बराड़ था। विदेश में बैठे बैठे ही गोल्डी भारत में गैंगवार करवाता रहा है। वह बठिंडा जेल में बंद लॉरेंस के सीधे संपर्क में हैं। गोल्डी के साथ ही रोहित गोदारा भी विदेश में छिपा है और लॉरेंस गैंग को ऑपरेट कर रहा है। गोल्ड बराड़ के मारे जाने से लॉरेंस गैंग का एक बड़ा गुंडा खत्म हो गया है। गोल्डी अपने दुश्मनों की गोलियों का शिकार बन गया।