नई दिल्ली: सोने-चांदी की कीमतों में तेजी का दौर जारी है। सोने की कीमतें हर दिन नई ऊंचाईयों पर पहुंच रही हैं। 2024 के साल की शुरुआत के साथ ही, सोने की कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। आज फिर से सोने और चांदी की कीमतों ने नया हाई रिकॉर्ड बनाया है। सोने की कीमत 70 हजार के करीब पहुंच गई है।
आज सुबह, MCX पर 5 अप्रैल को डिलीवर होने वाले दस ग्राम सोने की कीमत 533 रुपये बढ़कर 69,683 रुपये पर पहुंच गई है। जून में डिलीवर होने वाले सोने की कीमत भी 487 रुपये बढ़कर 69,415 रुपये हो गई है।
बता दें कि इससे पहले सोमवार और मंगलवार को भी सोने के भाव में रिकॉर्ड तेजी का हुई था। कल MCX पर पांच अप्रैल को डिलिवरी होने वाले सोने की कीमत (Gold Price On MCX) 0.45 प्रतिशत यानी 305 रुपये प्रति दस ग्राम बढ़कर 68,594 रुपये हो गया था। जबकि, पांच जून को डिलिवरी होने वाले दस ग्राम सोने की कीमत 0.67 प्रतिशत यानी 456 रुपये की तेजी के साथ 68,787 रुपये पर पहुंच गई थी। gold price today
MCX पर चांदी 1 प्रतिशत से अधिक महंगा हो रहा है, और इस बीच सोने के साथ चांदी की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। आज MCX पर चांदी की कीमत (Silver Price On MCX) एक प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। इसके बाद मई में मांगने वाले चांदी की कीमत 1000 रुपये से अधिक बढ़कर 78,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।
सोने की कीमतों में तेजी की वजह कई तत्वों से जुड़ी है। इसमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दर में कटौती की उम्मीद, जल्दी रेट कट की उम्मीद, और अमेरिका में महंगाई के नरम आंकड़े शामिल हैं, जिससे निवेशक सोने को महंगाई से बचाव का साधन मान सकते हैं। इसके अलावा, भूराजनीतिक अनिश्चितता जैसे कि यूक्रेन और गाजा में बढ़ती तनाव भी सोने की कीमतों में वृद्धि के कारणों में शामिल हैं। इससे निवेशक भूराजनीतिक अस्थिरता के समय में सोने को अपने पोर्टफोलियो का हिस्सा बनाने की प्रतिक्रिया कर सकते हैं।
सोने की कीमतों में तेजी के कई कारण हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व में दर कटौती की संभावना, बढ़ते भूराजनीतिक तनाव, और सिक्योर एंड सेफ एसेट्स के लिए इंडिया में लोगों की रुचि इस वृद्धि के मुख्य कारण हैं। भारत में भी, लोग सोने को सेविंग्स के रूप में देख रहे हैं, जिससे इसकी मांग बढ़ गई है।
सोने की कीमत में 2023 के बीच वृद्धि देखी गई और 2024 में भी इसमें उच्चार्णीय वृद्धि देखी गई है। मार्च 2024 में सोने की कीमतें 9.3 प्रतिशत बढ़ीं, जो जुलाई 2020 के बाद सबसे अधिक है। इस वृद्धि के साथ ही, सोने की मांग में भी कमी देखी गई है, जो कीमतों में उच्चार्णीय वृद्धि के पीछे का कारण है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, मार्च में सोने की मांग में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के संभावना है, लेकिन भारत उत्कृष्ट उपभोक्ता के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने की उम्मीद है।
सोने की कीमतों में कब सस्तापन होगा, यह निर्धारित करना कठिन हो सकता है, क्योंकि यह विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है। इसमें भौतिक और भौतिक आवश्यकताओं, भावनात्मक तत्वों, भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार के परिस्थितियों का प्रभाव शामिल होता है। इसके अलावा, भौतिक स्वाधीनता के तत्व जैसे कि सोने के उत्पादन में किसी बदलाव का असर भी हो सकता है।
सोना खरीदने के बारे में निवेश करने का निर्णय आपकी वित्तीय लक्ष्यों, निवेश की अवधि, और आपकी वित्तीय स्थिति पर निर्भर करेगा। सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि होने के बावजूद, यदि आपके लक्ष्य और निवेश की योजना में सोना शामिल है, तो आपको विशेषज्ञ सलाह लेना उपयुक्त हो सकता है। वित्तीय सलाहकार आपको आपके लक्ष्यों और वित्तीय स्थिति के आधार पर सही निवेश की दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की कीमत इस साल 70,000 से 72,000 रुपये तक पहुंच सकती है। इस अनुमान के अनुसार, सोने की कीमतों में वृद्धि के आसार हैं। इसलिए, यह एक सुरक्षित और सिक्योर निवेश विकल्प हो सकता है।