हर साल दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस बार दिवाली 12 नवंबर यानी आज मनाई जा रही है. दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। लेकिन आइए जानते हैं दिवाली मनाने के पीछे का कारण
दीपावली, भारतीय संस्कृति में एक प्रमुख पर्व है जो हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व धर्म, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व का धरातल प्रस्थापित करता है। दीपावली का महत्व विभिन्न कारणों से होता है, जो इसे एक अनूठा और प्रिय त्योहार बनाते हैं
पहला महत्वपूर्ण कारण है धार्मिक आधार पर। दीपावली का मुख्य मार्गदर्शन भगवान राम के अयोध्या लौटने के अवसर पर आयोजित किया जाता है। अनुसार, भगवान राम, माता सीता, और लक्ष्मण अपने 14 वर्षीय वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके लौटने पर अयोध्या नगर में आनंद और खुशी का माहौल बना रहा था, और लोगों ने उनके आगमन को स्वागत करने के लिए अपने घरों को दीपों से सजाया। इसलिए, दीपावली को रामायण के इस घटना के स्मृति में मनाया जाता है
दूसरा महत्वपूर्ण कारण है धनतेरस का मनाना। धनतेरस, दीपावली के पहले दिन मनाया जाता है, और इसे धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोगों को धन और लक्ष्मी की कृपा के लिए पूजा करने का परंपरागत रूप से अनुष्ठान किया जाता है
तीसरा कारण है लक्ष्मी पूजा और गोवर्धन पूजा का मनाना। दीपावली के दिन लोग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। इसके अलावा, गोवर्धन पूजा का आयोजन भी किया जाता है, जो गोवर्धन पर्व के रूप में जाना जाता है
दीपावली का अर्थ विभिन्न क्षेत्रों में भी है। यह एक अवसर है जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं, खासतौर पर परिवार के सदस्यों के साथ भोजन करते हैं और गिफ्ट एक-दूसरे को देते हैं। यह एक आनंददायक माहौल बनाता है जिसमें प्यार और समरसता की भावना बनी रहती है
इस प्रकार, दीपावली एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जो अनेक कारणों से मनाया जाता है। इस अवसर पर, लोग आपसी भाईचारे और समरसता का संदेश फैलाते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियों का आनंद लेते हैं