करीब 6.6 करोड़ साल पहले, पृथ्वी पर डायनासोर्सों का अंत हो गया था, जो एक विशालकाय एस्टेरॉयड या गोलीकार अवशेष के आकार में था। हाल ही में, मैक्सिको की खाड़ी में एक क्रेटर के रूप में पहचानी गई इस अवशेष से पता चला है कि यह अवशेष एक असाधारण और प्राचीन घटना का संकेत देता है। यह विशालकाय अंतरिक्षीय प्रकोप 6.6 करोड़ साल पहले घटित हुआ था और इसने पृथ्वी पर डायनासोर्सों और अन्य प्राचीन जीवों के लगभग 75 प्रतिशत जीवन को समाप्त कर दिया था।
ब्रिजे यूनिवर्सिटी के जियोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर स्टीवन डेविस का कहना है कि क्रेटर की धूल के अध्ययन से पता चला कि करोड़ों साल पहले धरती पर एक शहर के आकार के एस्टेरॉयड का टकराना हुआ था, जिसका परिणामस्वरूप डायनासोर्स मारे गए थे।
इरिडियम की अधिक मात्रा बनने का कारण, शोधकर्ताओं के मुताबिक, डायनासोर के खात्मे को लेकर चल रही अटकलों को समाप्त हो जाने का है। इस शोध में शामिल प्रोफेसर स्टीवन गोडेरिस ने कहा, “चक्र अब अंतत: पूरा हो गया है।” इससे पहले, 2016 में एक अंतरराष्ट्रीय दल ने 150 किलोमीटर लंबे गड्ढे में नमूने इकट्ठा करना शुरू किया था। dinosaur
चट्टानों के नमूनों के आकलन के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि उनमें बड़ी मात्रा में इरिडियम है, जो पृथ्वी पर मिलना बहुत दुर्लभ है, लेकिन कुछ एस्टेरॉयड के अंदर पाया जाता है। इरिडियम का यह स्तर सामान्य से 30 गुना ज्यादा है। इसके अधिक होने से जीवों को नुकसान हुआ हो सकता है। ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, जापान, और अमेरिका की लैबों में इसकी जांच की गई, जिससे वैज्ञानिकों को यह निष्कर्ष निकालने में सहायता मिली।
डायनासोर के लुप्त होने के मुख्य कारणों को जानने के लिए वैज्ञानिकों ने दुनिया भर के 52 स्थानों में भूगर्भिक परत के नमूनों का अध्ययन किया है। चट्टानों में सल्फर की मात्रा कम होने का भी पता चला है, जबकि चूना पत्थर के आसपास के क्षेत्रों में इसकी मौजूदगी अधिक थी। संभव है इसी कारण वैश्विक स्तर पर ठंडे मौसम और तेजाब जैसी बारिश होने के कारण पृथ्वी पर रहने वाले डायनासोर समेत अन्य जीवों को भारी नुकसान पहुंचा।
डायनासोर्स: पृथ्वी पर एक समाप्त होते संवाद की कहानी
पृथ्वी पर करीब 6,500 करोड़ वर्ष पहले, डायनासोर्स एक प्रमुख प्राणी थे। इन महाजनपदों के राजा जंगलों में राज्य करते थे, उनकी शक्तिशाली साम्राज्यवादी शासन तकनीकें हमें अज्ञात हैं। लेकिन फिर एक अनजान घटना ने उन्हें पृथ्वी से समाप्ति की ओर ले जाया।
साइंटिस्टों के अनुसार, एक विशालकाय उल्का-गति विस्फोट ने इन महान प्राणियों की सारी जीवनधारा को समाप्त कर दिया। इस विस्फोट के कारण पृथ्वी पर विपरीतता और वायुमंडल में परिवर्तन आया, जो जीवन के लिए अत्यंत कठिन परिस्थितियों का निर्माण कर दिया। अचानक तापमान में वृद्धि, भूकंप, और भूवैज्ञानिक बदलावों ने उन्हें अन्योन्य संघर्ष में डाल दिया।
विश्व के अधिकांश हिस्सों में आकाशीय प्रदूषण और अंतरिक्ष के प्रकोप ने अन्य संजीवी जीवों के लिए असहनीय बना दिया। यही कारण है कि डायनासोर जैसे विशालकाय जीवों को भी नष्ट किया गया। विज्ञान इस घटना को “महाविप्लव” कहता है, जो पृथ्वी पर जीवन का एक बड़ा परिवर्तन लाया।
डायनासोर्स के संसार की विलुप्ति एक सबक सिखाती है: प्रकृति की शक्ति के सामने हमारी शक्ति कम हो जाती है। यह हमें स्वावलंबन, पर्यावरण संरक्षण, और सहयोग की आवश्यकता की सीख देता है।
क्या डायनासोर का अंत एक विस्फोट के कारण हुआ
वैज्ञानिकों के बीच इस विषय पर अभी भी विवाद है। कुछ विशेषज्ञ यह मानते हैं कि डायनासोर्स की लोप्ति के पीछे एक विस्फोट का कारण हो सकता है, जबकि अन्य विशेषज्ञ इस धारणा पर गंभीर संदेह कर
ते हैं।
प्रामाणिक विज्ञानिक बातचीत और अनुसंधान के लिए और अधिक अद्वितीय प्रमाण चाहिए, ताकि हम डायनासोर्स के अंत को और अधिक स्पष्टता से समझ सकें।